हमने तुमको, अपना कहना छोड़ दिया
रुसवा ना मोहब्बत हो जाएँ, तेरा नाम ही लेना छोड़ दिया
हमने तुमको, अपना कहना छोड़ दिया
तू ना थी तो तस्वीर तेरी लेकर हम सोया करते थे
अब ये भी मुनासिब हो ना सका, ख्वाबो में बुलाना छोड़ दिया
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, सब जाके हमने देख लिए
पत्थर के खुदा है सब, अब सर को झुकाना छोड़ दिया
मैखाने की बात ना कर, मुझसे वाइज़
जब से दिल गमगीन हुआ है, सारा ज़माना छोड़ दिया
तेरी रांहे तक-तक कर, ये आंखे बंज़र हो बैठी
तू फिर से ना ओझल हो, पलकों ने झपकना छोड़ दिया
अविनाश सिंह राठौर
१७ सितम्बर 2012
हमने तुमको, अपना कहना छोड़ दिया
तू ना थी तो तस्वीर तेरी लेकर हम सोया करते थे
अब ये भी मुनासिब हो ना सका, ख्वाबो में बुलाना छोड़ दिया
मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, सब जाके हमने देख लिए
पत्थर के खुदा है सब, अब सर को झुकाना छोड़ दिया
मैखाने की बात ना कर, मुझसे वाइज़
जब से दिल गमगीन हुआ है, सारा ज़माना छोड़ दिया
तेरी रांहे तक-तक कर, ये आंखे बंज़र हो बैठी
तू फिर से ना ओझल हो, पलकों ने झपकना छोड़ दिया
अविनाश सिंह राठौर
१७ सितम्बर 2012