तू मेरी हो नही सकती, में तेरा हो नही सकता
फिसल कर आँख से आंसू, लबों को चुम लेता है।
नशे में ही घड़ी भर को, दिल मेरा झूम लेता है ।।
उम्र भरको इसको मैं दिलासा दे नही सकता।
तू मेरी हो नही सकती, में तेरा हो नही सकता।।
बिना सोचे बिना समझे, फकत इज़हार कर बैठे।
पता था जब बिछड़ना है, तो क्यू हम प्यार कर बैठे।।
मजा तो इश्क़ के अपने अधूरेपन से है कायम।
तू पूरा कर नही सकती, में पूरा हो नही सकता।।
दुआ भी काम न आये, दवा भी काम न आये।
बिना उसके के इस दिल को कहीं आराम ना आये।।
मुझे इस हाल पे ही अब हकीमो छोड़ दो मुझको।
तुम अच्छा कर नही सकते, में अच्छा हो नही सकता।।
मोहब्बत में किसी को धुप, किसी को छावँ मिलती है।
तुम्हारी अपनी किस्मत है, हमारी अपनी किस्मत है।।
दुवाओं में अगर अपनी असर कुछ हो गया होता।
तू मेरी हो गयी होती, में तेरा हो गया होता ।।
अविनाश सिंह राठौर
५ सितम्बर २०१६
नशे में ही घड़ी भर को, दिल मेरा झूम लेता है ।।
उम्र भरको इसको मैं दिलासा दे नही सकता।
तू मेरी हो नही सकती, में तेरा हो नही सकता।।
बिना सोचे बिना समझे, फकत इज़हार कर बैठे।
पता था जब बिछड़ना है, तो क्यू हम प्यार कर बैठे।।
मजा तो इश्क़ के अपने अधूरेपन से है कायम।
तू पूरा कर नही सकती, में पूरा हो नही सकता।।
दुआ भी काम न आये, दवा भी काम न आये।
बिना उसके के इस दिल को कहीं आराम ना आये।।
मुझे इस हाल पे ही अब हकीमो छोड़ दो मुझको।
तुम अच्छा कर नही सकते, में अच्छा हो नही सकता।।
मोहब्बत में किसी को धुप, किसी को छावँ मिलती है।
तुम्हारी अपनी किस्मत है, हमारी अपनी किस्मत है।।
दुवाओं में अगर अपनी असर कुछ हो गया होता।
तू मेरी हो गयी होती, में तेरा हो गया होता ।।
अविनाश सिंह राठौर
५ सितम्बर २०१६