अबकी जब तुम वापस आओ
अबकी जब तुम वापस आओ, दो नैना भी ले आना
कब से काला देख रहा हूँ, कुछ रंग उठा कर ले आना
धड़कन भी चलती है, जिन्दा भी हूँ, पर कुछ महसूस नही होता
अबकी जब तुम वापस आओ, एहसास उठा कर ले आना
ना जाने क्यू सब भिगा- भिगा है, ये बारिश का मौसम भी जैसे टिक कर बैठा है
अबकी जब तुम वापस आओ, धूप उठा कर ले आना
मुददत का जागा हूँ, मुझ को भी थोडा चैन मिले
अबकी जब तुम वापस आओ, नींद उठा कर ले आना
मेरी सारी अरदासो का इक तू ही तो हासिल है
अबकी जब तुम वापस आओ, फिर जाने को मत आना
अविनाश सिंह "राठौर"
22-फ़रवरी-2013
कब से काला देख रहा हूँ, कुछ रंग उठा कर ले आना
धड़कन भी चलती है, जिन्दा भी हूँ, पर कुछ महसूस नही होता
अबकी जब तुम वापस आओ, एहसास उठा कर ले आना
ना जाने क्यू सब भिगा- भिगा है, ये बारिश का मौसम भी जैसे टिक कर बैठा है
अबकी जब तुम वापस आओ, धूप उठा कर ले आना
मुददत का जागा हूँ, मुझ को भी थोडा चैन मिले
अबकी जब तुम वापस आओ, नींद उठा कर ले आना
मेरी सारी अरदासो का इक तू ही तो हासिल है
अबकी जब तुम वापस आओ, फिर जाने को मत आना
अविनाश सिंह "राठौर"
22-फ़रवरी-2013